छत्तीसगढ़रायपुर

रक्तदान, मुंडन-हवन, इच्छा-मृत्यु की मांग के बाद पानी में उतरे B.Ed डिग्रीधारक, मांगो को लेकर प्रदर्शनकारियों ने लिया जल-समाधि…

 

नवा रायपुर का तुता धरना स्थल कई प्रदर्शनों को लेकर चर्चे में रहा है, जहां बैठकर कई लोगों ने अपनी मांगो को लेकर आवाज उठाई और सफलता भी पायी, इसी कड़ी में अब बीएड प्रशिक्षित अपनी मांगों को लेकर पिछले 11 दिन से आंदोलन कर रहे हैं, वही अब आंदोलन के 12 वें दिन शासन तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए शिक्षकों ने जल समाधि तक ले ली।

गौरतलब है की बीएड सहायक शिक्षकों ने 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा की शुरुआत की थी। जहाँ रायपुर पहुंचने के बाद 19 दिसंबर से उनकी यह यात्रा धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए पत्र भी भेजे।

वही आंदोलन में बैठे सहायक शिक्षकों ने अपनी मांगों की तरफ सरकार का ध्यान खींचने के लिए सामूहिक मुंडन कराया। पुरुषों के साथ महिला टीचर्स ने भी अपने बाल कटवाए। कहा, साथ ही करीब तीन बार ब्लड डोनेशन का कैम्प भी चलाया
28 दिसंबर को आंदोलन पर बैठे शिक्षकों ने मुंडन के बाद यज्ञ और हवन करके प्रदर्शन किया। और कहा कि,यदि हमारी मांगे नहीं मानी गईं, तो आगे सांकेतिक सामूहिक जल समाधि लेने को मजबूर होंगे।

29 दिसंबर को आदिवासी महिला शिक्षिकाओं ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात करने की कोशिश की, जहाँ वो लगातार 2 घंटे तक बंगले के सामने मुलाकात के लिए डटे रहे। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। जिसके बाद अब उन्हें यह जल सत्याग्रह लेना पड़ रहा है, इससे पहले भी SI भर्ती के अभ्यर्थियों ने कई जतन किया था, जिसके बाद उन्हें सफलता मिली थी। अब देखना ये होगा की क्या SI परक्षार्थियों की तरह इन शिक्षकों को भी सफलता हासिल होती है

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