AMU पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला! जानिये अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा …
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे को बरकार रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है. संविधान पीठ ने फैसला लिया है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक वाला दर्जा बरकरार रहेगा. इसका फैसला आने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में चारों तरफ मिठाइयां बांटी और खुशियां मनाई गई.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर साल 1967 में ‘अजीज बाशा बनाम भारत गणराज्य’ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही फैसले को पलट दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है “अगर कोई संस्थान कानून के तहत बना है तो भी वह अल्पसंख्यक संस्थान होने का दावा कर सकता है।” शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संवैधानिक पीठ ने 4-3 के बहुमत से यह आदेश जारी किया। इसके बाद यह मामला नियमित पीठ के पास भेज दिया गया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रहेगा या नहीं, अब इसका फैसला नियमित पीठ करेगी।
दरअसल, साल 2006 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना था। इसके बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की पीठ ने इस मामले में सुनवाई के बाद साल 2019 में इसे सात जजों की पीठ के पास भेज दिया था। जहां मामले पर सुनवाई शुरू हुई तो यह सवाल उठा था कि क्या कोई विश्वविद्यालय, जिसका प्रशासन सरकार द्वारा किया जा रहा है, क्या वह अल्पसंख्यक संस्थान होने का दावा कर सकता है? सुप्रीम कोर्ट में सात जजों की पीठ इसी मामले की सुनवाई कर रही थी।
सुप्रीम कोर्ट में सात जजों की पीठ ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मामले में एक फरवरी को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले का फैसला सुनाया। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साल 1967 के फैसले को पलटते हुए स्पष्ट किया कि कानून द्वारा बनाए गए संस्थान को भी अल्पसंख्यक दर्जा मिल सकता है। इसके बाद इस मामले को नियमित पीठ के पास भेज दिया गया। नियमित पीठ इसका अंतिम फैसला सुनाएगी।
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