राज्य में अब से 8% बढ़ जायेगा बिजली, कांग्रेस बोली – भाजपा इसे बता रही मामूली बढ़ोतरी, फिर भी कट रही जेब..
‘इस महीने बिजली का बिल 7 हजार 50 रुपए आया है। इससे पहले कभी भी इतना बिल नहीं आया। बढ़े हुए बिल की वजह से घर का बजट बिगड़ गया है। पिछले साल भी मई के महीने का बिल दूसरे महीने की मुकाबले ज्यादा था, लेकिन इस बार इतना बढ़ा हुआ बिल आएगा कभी सोचा नहीं था।’
ये कहना है रायपुर के महाराजबंध तालाब के पास रहने वाले परमेश्वर पटेल का। ऐसा ही कुछ भाठागांव इलाके में रहने वाले जीवन ज्योति सिंह का भी कहना है। उनके घर इस महीने 8 हजार रुपए से ज्यादा का बिल आया है। दोनों ने बिजली विभाग के दफ्तर में शिकायत की है। इसके बाद जीवन के बिल में खामी का पता चला और उन्होंने 4 हजार रुपए बिल जमा किया है।
छत्तीसगढ़ में बिजली बिल हाफ योजना लागू है, लेकिन फिर भी बढ़े हुए बिल आ रहे हैं। लोग इसकी शिकायत लेकर लगातार बिजली दफ्तर पहुंच रहे। इसे लेकर एक ओर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है, वहीं भाजपा इसे मामूली बढ़ोतरी बता रही है। दूसरी ओर विभाग के अफसरों की दलील है कि, इस बार गर्मी ज्यादा पड़ी है। इससे खपत बढ़ी से लोगों के घरों के बिल बढ़े हैं। साथ ही यह भी बता रहे हैं कि जुलाई से 8 प्रतिशत बढ़ा हुआ बिल आएगा।
पहले जानिए कैसे कट रही आपकी जेब…
इसी तरह की शिकायतें लेकर रोजाना 4 से 5 उपभोक्ता बिजली ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। वे कहते हैं कि, विभाग किस तरह से बिजली बिल का कैलकुलेशन करता है, ये समझ नहीं आता। दैनिक भास्कर की पड़ताल में हर जिले के बिजली बिल के कैलकुलेशन में एकरूपता दिखाई नहीं दी।
लोगों के बिजली बिल केवल बढ़े ही नहीं, बल्कि घटे भी हैं। इसके लिए हमने अलग-अलग शहरों के बिलों की पिछले वर्ष और इस वर्ष के मई के बिजली बिलों की तुलना की। इसमें पता चला कि, पिछले साल जितने यूनिट की खपत हुई, इस साल लगभग उतनी ही यूनिट के लिए ज्यादा बिल पटाना पड़ा है।
खास बात यह है कि जिनकी खपत ज्यादा हुई, उन्हें कम बिल और कम खपत पर ज्यादा बिल भी आया है। हालांकि जानकारों का कहना है कि केवल तय दरों में कुल खपत यूनिट को गुणा करके ही उपभोक्ता अपना बिजली बिल सुधरवाने दफ्तरों तक आते हैं। जबकि उसमें फिक्स चार्ज, इलैक्ट्रिसिटी ड्यूटी, सेस जैसी एडिशनल चार्ज भी जुड़े होते हैं।
नौकरी लगाने के नाम पर 19 लाख की ठगी…