छत्तीसगढ़ में नवगठित स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को मिला पहला केस, नारायणपुर IED ब्लास्ट केस की करेगी जांच, ब्लास्ट में ITBP के जवानों के उड़ गए थे पैर

छत्तीसगढ़ में नवगठित स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) को पहला केस मिल गया है। एजेंसी नारायणपुर IED ब्लास्ट केस की जांच करेगी। जिले में 14 जून को हुए इस ब्लास्ट में ITBP के 2 जवान घायल हुए थे।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, SIA की टीम जल्द नारायणपुर के कुतुल-मोहंदी का दौरा करके घटनास्थल की जांच करेंगी। साथ ही हादसे में घायल और हादसे के दिन मौके पर मौजूद जवानों से पूछताछ की जाएगी।
ADG विवेकानंद सिन्हा ने जांच की पुष्टि की है। वारदात में शामिल आरोपियों का पता लगाने के साथ ही SIA विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। इसके साथ ही लोकल नेटवर्क भी खंगाला जाएगा।
स्वत: संज्ञान लेकर केस लिया SIA ने
SIA की टीम में शामिल विभागीय अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश के 20 से ज्यादा मामलों में NIA अलग-अलग अपने स्तर में जांच कर रही है। नक्सली, गौ तस्करी समेत संदिग्ध मामलों में जांच करने के लिए बनी SIA के पास गठन के बाद कोई भी केस नहीं था।
NIA ने नारायणपुर ब्लास्ट मामले में अब तक जांच शुरू नहीं की है। नारायणपुर ब्लास्ट मामले में गंभीरता से जांच हो। दोषियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाया जा सके, इसलिए SIA के अधिकारियों ने केस को स्वत: संज्ञान लेकर मामले में जांच करने के निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दी है
ब्लास्ट में ITBP के जवानों के उड़ गए थे पैर
14 जून 2024 को नारायणपुर में ITPB की 53वीं बटालियन के जवान नक्सल प्रभावित इलाके कुतुल और मोहंदी के बीच जंगलों में एरिया डोमिनेशन में निकले थे। कुतुल गांव के पास नक्सलियों ने पहले से ही IED प्लांट कर रखी थी। जवान सुबह करीब 6:30 बजे इलाके में घुसे।
गश्त के दौरान AC धर्मेंद्र और कांस्टेबल नारद कुमार का पैर IED पर आ गया। जिससे धमाका हुआ और दोनों जवानों के पैर उड़ गए और वे बुरी तरह जख्मी हो गए। साथी जवानों ने उन्हें मौके से निकाला और नारायणपुर के अस्पताल में भर्ती कराया। नारायणपुर के बाद घायल जवानों को रायपुर हेलीकाप्टर से भेजा गया था। पढ़ें पूरी खबर…
7 मार्च को SIA गठन का प्रस्ताव पास किया
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आतंक है। नक्सलियों पर लगातार एक्शन लेकर राज्य सरकार उनको पीछे ढकेल रही है। इसके अलावा प्रदेश में धर्मांतरण, गौ तस्करी की घटनाएं हो रही हैं। पिछले दिनों गौ सेवक की तस्करों ने कवर्धा में गला रेत कर हत्या कर दी। इसका पैटर्न ISIS जैसा था।
इसकी जानकारी होने पर कवर्धा पुलिस ने फरवरी माह में एक्शन लिया और तस्करों को पकड़ा। आरोपियों पर UAPA के तहत कार्रवाई की गई है। इसी घटना के बाद राज्य सरकार ने SIA बनाने का निर्णय लिया। इसका मकसद है कि टीम अलर्ट मोड पर रहकर त्वरित और सख्त एक्शन लेगी।
7 मार्च को साय कैबिनेट में SIA गठन का प्रपोजल पास हुआ और निर्देश जारी कर दिया गया। आतंकवाद, नक्सलवाद, वामपंथी उग्रवाद जैसे मामलों की जांच और कार्रवाई के लिए प्रदेश में राज्य इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) के गठन का निर्णय लिया है। ये एनआईए के साथ समन्वय के लिए राज्य की नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी। पढ़ें पूरी खबर…
गृह विभाग के अधीन है SIA
SIA गृह विभाग के अधीन है। ADG रैंक के अधिकारी को लीड करने की जिम्मेदारी मिली है। SIA के गठन के दौरान 74 अधिकारी-कर्मचारी को पदस्थ करने का निर्देश दिया गया था। वर्तमान में SIA में केवल दो एएसपी रैंक के अधिकारी पदस्थ है। पुलिस महकमें के अधिकारियों के अनुसार SIA टीम गठन करने का प्रस्ताव मिल चुका है। जल्द ही रिक्त पदों की भर्ती कर दी जाएगी।
जम्मू-कश्मीर के बाद छत्तीसगढ़ दूसरा राज्य
देश में जम्मू-कश्मीर के बाद छत्तीसगढ़ दूसरा राज्य है, जहां SIA का गठन किया गया है। इस टीम को ADG विवेकानंद सिन्हा लीड कर रहे है। टीम को जांच में किसी तरह की परेशानी ना हो, इसलिए पुलिस मुख्यालय (PHQ) में नियुक्त अफसरों को तकनीकी ट्रेनिंग दी गई है। उनकी जरूरतों के हिसाब से तकनीकी उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
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