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मीसाबंदियों की आपबीती सुन भावुक हुए सीएम विष्णुदेव साय, कहा – सम्मान राशि की बहाली के लिए छत्तीसगढ़ सरकार करेगी पहल

रायपुर। मैने मीसा बंदियों के तकलीफों को बहुत करीब से देखा है। उनके संघर्ष और पीड़ा को मैंने महसूस किया है। आपातकाल के दौरान मेरे बड़े पिताजी स्वर्गीय नरहरि साय भी 19 महीने तक जेल में रहे। यह बात मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के वृंदावनहाल में लोकतंत्र सेनानी संघ द्वारा आयोजित प्रांतीय परिवार सम्मेलन और सम्मान समारोह में कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार मीसाबंदियों की सम्मान राशि की बहाली के लिए पहल करेगी। सम्मेलन में प्रदेश भर से आए मीसा बंदी और उनके परिजनों ने अपनी आपबीती भी साझा की। आपबीती सुन भावुक हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आपातकाल के समय का जिक्र करते हुए कहा कि लोकतंत्र सेनानी जब जेल जाते थे तो उस परिवार की स्थिति बड़ी पीड़ादायक हो जाती थी। इन परिवारों के सामने आजीविका का संकट हो जाता था। मीसा बंदियों के साथ हमारी सरकार न्याय करेगी। पूर्ववर्ती डॉ रमन सिंह की सरकार ने मीसाबंदियों के लिए सम्मान राशि देने की शुरुआत की थी। हम मीसाबंदियों के लिए बेहतर कार्य करेंगे।

राज्यसभा सांसद और लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए संघर्ष की बात जब भी आएगी, तब इन लोकतंत्र के प्रहरी मीसा बंदियों के संघर्षों से प्रेरणा ली जाएगी। इन्होंने लोकशाही के लिए लड़ाई लड़ी। यह भारत के इतिहास में एक बड़ा उदाहरण है। कार्यक्रम को विधायक पुरंदर मिश्रा, लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में रामप्रताप सिंह, लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष संतोष शर्मा, नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर तिवारी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष द्वारिका जायसवाल सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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