रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने कहा कि घोटालों की सरकार का एक और काला कारनामा छत्तीसगढ़ की जनता के सामने आ गया। ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि किसानों को कर्ज के जाल में फंसाने वाले भूपेश बघेल की कृपा से मार्कफेड के अफसरों के गिरोह ने मिलकर 175 करोड़ का चावल घोटाला कर दिया। जांच एजेंसियों की जांच में यह भंडाफोड़ हुआ है कि मार्कफेड के अफसरों ने करोड़ों की रिश्वत कमाने की साजिश रचकर यह घोटालेबाजी की। इसमें भूपेश सरकार की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि जिस अधिकारी मनोज सोनी पर भ्रष्टाचार के आरोप है राज्य सरकार ने लगातार उनका एक्सटेंशन किया है वो बने रहे इसके लिए कई आदेश निकाले है इससे यह बात पुख्ता होती है की सरकार ने कितने योजनाबद्ध तरीके से षडयंत्र पूर्वक भ्रष्टाचार किया है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि ईडी जांच में पाया गया है कि खरीफ वर्ष 2021-22 तक सरकार द्वारा धान का प्रति क्विंटल 40 रुपये भुगतान किया गया। धान की कस्टम मिलिंग के लिए दी जाने वाली रकम सरकार ने तीन गुनी बढ़ा दी। 120 रुपये प्रति क्विंटल धान का भुगतान दो किश्तों में किया गया। अफसरों ने आधी रकम मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर वसूल ली। घोटाले की शर्तों के तहत नकद राशि का भुगतान करने वालों का विवरण जिला विपणन अधिकारी को भेजा गया। उनके माध्यम से ब्यौरा मार्कफेड एमडी तक पहुंचा। एमडी द्वारा केवल उन्हीं के बिलों को भुगतान के लिए मंजूरी दी गई, जिन्होंने नकद राशि का भुगतान किया। विशेष भत्ता 40 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये क्विंटल करने के बाद प्रदेश में 500 करोड़ रुपये के भुगतान जारी किए गए, जिसमें से 175 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली गई। ईडी ने तलाशी में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और 1 करोड़ की बेहिसाब नकद राशि जब्त की है। मतलब साफ है कि बाकी के 174 करोड़ रुपए घोटालाश्री की चुनावी तिजोरी में पहुंच गए। अभी तो यह ट्रेलर है। ईडी आगे की जांच कर रही है तो पूरी उम्मीद है कि वह घोटालों के सरताज तक अवश्य पहुंचेगी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि 2100 करोड़ का शराब घोटाला, 229 करोड़ का गोबर घोटाला, 1300 करोड़ का गोठान घोटाला, 540 करोड़ का कोयला परिवहन घोटाला, रेत घोटाला, परीक्षा घोटाला, भर्ती घोटाला, तबादला घोटाला, हर जगह घोटाले ही घोटाले। भूपेश बघेल सरकार ने 5 साल तक छत्तीसगढ़ को लूटने के अलावा कुछ नहीं किया। यह सरकार छत्तीसगढ़ के दामन में काला धब्बा है। जिसे इस चुनाव में जनता साफ कर देगी। घोटाले की सरकार की अब खैर नहीं। घोटालेबाजों की सरकार जाने वाली है, सारे घोटालेबाज जेल जाएंगे।
कांग्रेस सबसे बड़ी सांप्रदायिक और तुष्टिकरण करने वाली पार्टी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा से पूछा है कि साम्प्रदायिक कौन है? तुष्टिकरण की राजनीति में आखिर कांग्रेस कितने नीचे उतरेगी? जिस तरह कांग्रेस की पहचान भ्रष्टाचार से है उसी तरह तुष्टिकरण भी कांग्रेस की पहचान है। जब बिरनपुर में 41 जेहादी उन्माद में भुनेश्वर साहू को मौत के घाट उतार देते हैं, जब खुर्सीपार में हिंदुस्तान जिंदाबाद कहने पर मलकीत सिंह को मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के जिले में टुकड़े टुकड़े कर दिया जाता है, उसकी देह पर नृत्य किया जाता है जब कवर्धा में बहुसंख्यक वर्ग की आस्था पर आक्रमण किया जाता है, विरोध करने पर जेल में ठूंस दिया जाता है और कांग्रेस सरकार के एक मंत्री रायपुर से 3 सौ गाड़ियों के काफिला लेकर बहुसंख्यक समाज को डराने पहुंच जाते हैं, जब नारायणपुर में आदिवासी आस्था की रक्षा करने वालों को जेल में डालकर सुनियोजित धर्मांतरण को प्रोत्साहित करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिल्ली जाकर पादरियों को भरोसा दिलाते हैं, तब कांग्रेस का धर्मनिरपेक्ष मुखौटा क्यों उतर जाता है। सैलजा जी कांग्रेस की पुरानी नेता हैं, उन्हें छत्तीसगढ़ में अपनी पार्टी की सरकार के भीतर झांकना चाहिए। दरअसल छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। कांग्रेस का साम्प्रदायिक चेहरा बार बार बेनकाब हुआ है। लेकिन सैलजा जी विवश हैं। कांग्रेस की माताजी के कमाऊ पूत के सामने वे कुछ कर नहीं सकतीं। जो बोलने कहा जाता है, वही बोल देती हैं।