कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई के आय से अधिक संपत्ति के मामले को रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी है। गुरुवार को कोर्ट ने जांच पर लगी अंतरिम रोक हटाते हुए एजेंसी को 3 महीने के भीतर जांच पूरी कर अंतिम रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति के नटराजन ने कहा कि याचिका काफी देरी के बाद दायर की गई थी और सीबीआई की अधिकांश जांच पहले ही पूरी हो चुकी है।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के संपर्क करने के बाद रोक हटाने से इनकार कर दिया था। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा था कि सीबीआई की 90 फीसदी जांच पूरी हो चुकी है।लेकिन यह अंतरिम रोक के कारण आगे नहीं बढ़ सका, जो 12 जून को कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा दी गई थी।सुप्रीम कोर्ट ने शिवकुमार से 7 नवंबर तक सीबीआई की याचिका पर जवाब भी मांगा था।
डीके शिवकुमार पर क्या है आरोप?
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री पर केस अक्टूबर 2020 में दर्ज किया गया था। उनके ऊपर आरोप लगाया गया था कि 2013 से 2018 के बीच उनकी संपत्ति में काफी वृद्धि हुई थी। इसमें दावा किया गया था कि शिवकुमार की संपत्ति 34 करोड़ रुपये से लगभग पांच गुना बढ़ गई। इस अवधि में उनकी संपति 163 करोड़ रुपये हो गई।