उत्तराखंड

नैनीताल में क्रांतितीर्थ समारोह का आयोजन, 16 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों का हुआ सम्मान

नैनीताल। स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम एवं अल्पज्ञात सेनानियों की वीरगाथा को आम जनता के सामने लाने के उद्देश्य से देश में आयोजित किए जा रहे क्रान्तितीर्थ समारोह की कड़ी में एक भव्य समारोह का आयोजन आज नैनीताल स्थित गोवर्धन हाल मल्लीताल में संपन्न हुआ। समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि विधायक सरिता आर्या, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सुरेंद्र बरगली, मुख्य वक्ता आशुतोष भटनागर एवं कार्यक्रम अध्यक्ष कैप्टन रविंद्र नयाल ने दीप प्रज्वलन कर किया। क्रांति तीर्थ आयोजन समिति नैनीताल एवं सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज द्वारा आयोजित समारोह में 16 वीर क्रांतिकारियों के परिजनों को सम्मानित किया गया।

समारोह में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बांकेलाल कंसल, डूंगर सिंह विष्ट, सीतावर पंत, नर सिंह विष्ट, किशोरीलाल शाह, श्यामलाल वर्मा, देवीलाल वर्मा, विषन सिंह, मोहन लाल साह, लक्ष्मी शाह, इंद्र सिंह नयाल, पीताम्बर दत्त पंत, मथुरा दत्त जोशी, केदारनाथ सिंह, पूरनलाल शाह एवं देवीलाल शाह के परिजनों ने हिस्सा लिया, जिनका सम्मान शॉल, सम्मान पत्र एवं भारत माता का चित्र भेंटकर किया गया।

जानकारी हो कि भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए हजारों वीर सिपाहियों और क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की भेंट चढ़ा दी लेकिन उनकी गाथाओं को इतिहास के पृष्ठों में स्थान नहीं मिला। स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे गुमनाम एवं अल्पज्ञात सेनानियों की वीरगाथा को आम जनता के सामने लाने का बीड़ा उठाया है केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय और सेंटर फॉर एडवांस्ड रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज (सीएआरडीसी) ने और इसमें संस्कार भारती सहयोगी की भूमिका में है। ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के अवसर पर क्रान्तितीर्थ श्रृंखला का आयोजन संस्कृति मंत्रालय एवं सीएआरडीसी द्वारा गुमनाम एवं अल्पज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सामने लाने के लिए पूरे देश में किया जा रहा है।

शनिवार को नैनीताल में आयोजित समारोह में मुख्य वक्ता एवं जम्मू एंड कश्मीर अध्ययन केंद्र के निदेशक आशुतोष भटनागर ने स्वतंत्रता संग्राम में बलिदान हो चुके शहीदों को याद किया। उन्होंने बताया कि भारत ने कभी भी गुलामी को स्वीकार नहीं किया। देशभक्त वीर कई सदियों से बाहरी आक्रांताओं का प्रतिकार करते रहे। इसलिए हमें उन शहीदों को भी याद करने की आवश्यकता है, जिनका सरकारों द्वारा कभी चिन्हीकरण नहीं हो पाया। इस मौके पर मुख्य अतिथि एवं विधायक सरिता आर्या ने आयोजन समिति की इस पहल की सराहना की। समारोह में सरस्वती विद्या मंदिर के विद्यार्थियों द्वारा स्वागत गीत एवं भारतीय सहित सैनिक विद्यालय की छात्राओं द्वारा देशभक्ति गीतों का गायन किया गया।

कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक अरविंद सिंह पडियार ने किया। कार्यक्रम में नरेंद्र कुमार, कमल कुनियाल, मोहन जोशी, चंदन जोशी, जयवर्धन कांडपाल, हरीश राणा, सरस्वती खेतवाल, मोहित रौतेला, मोहित शाह, आनंद बिष्ट, नवीन भट्ट, उमेश बिष्ट, राजेंद्र बिष्ट, बिशन सिंह मेहता, मुक्ता चौधरी, जगदीश तिवारी, विमला अधिकारी, कविता गंगोला, भूपेंद्र बिष्ट, जीवंती भट्ट, तारा राणा, मीरा बिष्ट आदि उपस्थित रहे।

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