
नई दिल्ली। 14-15 वीं शताब्दी में धातु से बनी भगवान हनुमान की एक प्राचीन मूर्ति को ऑस्ट्रेलिया से भारत लाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत सरकार की इस पहल की तारीफ की है। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को ट्वीट करके ये जानकारी दी।
रेड्डी ने अपने ट्वीट में कहा, “चोल काल (14वीं-15वीं शताब्दी) में वरताराजा पेरुमल, पोट्टावेली वेल्लुर, अरियालुर जिले के विष्णु मंदिर से चुराई गई भगवान हनुमान की धातु से बनी मूर्ति को ऑस्ट्रेलिया में भारतीय दूतावास को सौंप दिया गया है।”
तमिलनाडु के सुपुर्द किया गया
चोल काल से संबंधित इस मूर्ति को भारत लाने के बाद इसे तमिलनाडु को सौंपा गया। तमिलनाडु के अरियालुर जिले के पोट्टावेली वेल्लूर में स्थित श्री वरथराजा पेरुमल के विष्णु मंदिर से भगवान हनुमान की मूर्ति को चुरा लिया गया था। यह मूर्ति उत्तर चोल काल (14वीं-15वीं शताब्दी) से संबंधित है। 1961 में ‘पांडिचेरी के फ्रांसीसी संस्थान’ के दस्तावेजों में इसे दर्ज किया गया था।
कैनबरा में भारत के उच्चायुक्त को सौंपा
कैनबरा में भारत के उच्चायुक्त को इस मूर्ति को सौंपा गया। फरवरी, 2023 के आखिरी हफ्ते में इस मूर्ति को भारत को लौटा दिया गया था। वहीं 18 अप्रैल 2023 को केस प्रॉपर्टी के रूप में तमिलनाडु के आइडल विंग को सौंपा गया। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार देश के भीतर राष्ट्र की पुरातन विरासत को सुरक्षित रखने की दिशा में कार्य कर रही है। इसी के तहत अतीत में अवैध रूप से विदेश ले जाए गए पुरावशेषों को वापस लाने में केंद्र सरकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
मंत्री किशन रेड्डी ने बताया, “अब तक 251 प्रचीन मूर्तियों को विदेशों से स्वदेश वापस लाया गया है। इसमें से 238 को 2014 से वापस लाया गया है।” प्रधानमंत्री मोदी ने संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं कि हमारी बेशकीमती विरासत घर वापस आएं।”
We are constantly working towards ensuring our prized heritage comes back home. https://t.co/35nK2dCW8R
— Narendra Modi (@narendramodi) April 25, 2023