सरगुजा। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के अभाव और स्टाफ की लापरवाही के कारण प्रसव के दौरान प्रसुता और उसके बच्चे की मौत हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
जानकारी के मुताबिक, सूरजपुर जिले के प्रतापपुर की रहने वाली सुबुक तारा नाम की महिला को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर किया गया था। महिला का पति इजराइल पत्नी को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज मंगलवार दोपहर 12 बजे लेकर आया। उसके साथ दोनों बच्चे भी थे। महिला तीसरी बार मां बनने जा रही थी। परिजनों का आरोप है कि जब वे अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें 3 घंटे तक बेड नहीं मिल सका। उसकी पत्नी अस्पताल परिसर में बेड मिलने के इंतजार में तड़पती रही। उसकी तबियत बिगड़ती जा रही थी।
पीड़ित पति का कहना है कि जब उसकी पत्नी को बेड मिला, तो उसके इलाज में गंभीर लापरवाही बरती गई। न तो उसे इलाज दिया जा रहा था और न तो परिजनों से मिलने दिया जा रहा था। इसके बाद प्रसव कराने के लिए देर रात अस्पताल के स्टाफ ने पैसों की डिमांड की। जब उसने कहा कि वो बाद में पैसे दे देगा, फिलहाल इलाज शुरू किया जाए, तो अस्पताल ने बिना पैसों के डिलीवरी कराने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसने रात में ही किसी तरह से पैसों का इंतजाम किया, तब जाकर महिला की डिलीवरी कराने की कोशिश की गई, लेकिन इसी दौरान मां और बच्चे दोनों ने दम तोड़ दिया।
इसके बाद परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही और पैसे मांगने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इधर हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित परिवार को समझा-बुझाकर शांत कराया। अस्पताल की सहायक अधीक्षक का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन आरोपों की जांच कराएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि CCTV फुटेज भी चेक किए जा रहे हैं।