मैं मरना नहीं चाहता, मुझे बदनाम कर दिया…, आरोपों से आहत मंदिर के पुजारी ने की आत्महत्या
राजस्थान। बाड़मेर जिले में मंदिर में चोरी के आरोपों से आहत एक पुजारी ने मंदिर परिसर में ही फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को पुजारी के शव से एक सुसाइड नोट भी मिला है। जिसमें पुजारी ने एक समाज विशेष के लोगों द्वारा उस पर चोरी का झूठा आरोप लगाने से आहत होकर आत्महत्या की बात लिखी है। मृतक के भाई की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर लिया था। घटना बाड़मेर जिले के समदड़ी थाना क्षेत्र की है।
पुलिस ने मृतक की शिनाख्त भीमदास (52) के रूप में की है। पुलिस ने बताया की मामले की प्राथमिक जांच के दौरान सामने आया है कि रोज की तरह ही पुजारी बुधवार सुबह भी मंदिर गया था और वहां पर पूजा- आरती करने के बाद मंदिर के दरवाजे बंद कर दिए और मंदिर परिसर में ही फांसी लगा ली। मंदिर में दर्शन करने पहुंचे लोगों ने जब दरवाजा खोला तो पुजारी का शव फंदे से लटका मिला, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस ने बताया कि शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें पुजारी भीमदास ने एक समाज विशेष के लोगों द्वारा उस पर चोरी का झूठा आरोप लगाने की बात कही है। पुजारी ने लिखा है कि उसने चोरी नहीं की है और समाज के लोग उसे बदनाम कर रहे है। सुसाइड नोट में लिखा ‘‘खत्री समाज राम राम सा। मैं भीमदास आपके मंदिर का पुजारी। मैंने चोरी नहीं की है। जो भी चोर है, आप उसका पता लगाना। मरते समय झूठ नहीं बोल रहा हूं। मेरे पीछे किसी को परेशान मत करना। विवेक बेटा, मैंने चोरी नहीं की है। फिर भी मुझे बदनाम कर दिया। अब तक जो भी कमाया, मेहनत पर पानी फेर दिया। मेरे पोते को प्यार करना। मेरे बेटे… मैं मरना नहीं चाहता। मुझे बदनाम कर दिया। नरसिंह दास जी प्रणाम, मैं चोर नहीं हूं। समाज ने मुझे बदनाम कर दिया। मेरी मौत की वजह समाज है। रवीना की मम्मी का ध्यान रखना। तेरे पापा का आखिरी सबको राम राम कहना।-भीमदास’’
सोमवार को मंदिर में हुई थी चोरी
बताया गया कि समदड़ी कस्बे के बावड़ी चैक से नजदीक खत्री पंचायत भवन में बने रघुनाथ महाराज एवं हिंगलाज माता मंदिर में अज्ञात चोरों ने सोमवार रात को चोरी की वारदात को अंजाम देते हुए मंदिर से 7 किलो के करीब चांदी के गहने और दानपात्र से 10,000 से अधिक रूपए की नकद राशि चोरी कर ली थी। मंगलवार सुबह जब दर्शनार्थियों ने एवं पुजारी ने मंदिर के कपाट खोले, तब मंदिर ताले टूटे हुए देखे, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी पुलिस ने मौका मुआयना कर चोरों की तलाश शुरू कर दी। इस बीच खत्री समाज के लोगों ने मंदिर के पुजारी भीमदास पर ही चोरी का आरोप लगा दिया, जिसके बाद पुलिस ने भीमदास से भी पुछताछ की थी।
हैरान करने वाली बात यह है कि चोरी की जिस वारदात के लिए मंदिर के पुजारी को प्रताड़ित किया, उसके सबंध में पुलिस को कोई मामला भी दर्ज नहीं करवाया गया है। मृतक के भाई द्वारकादास ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि कुछ लोगों द्वारा उसके भाई भीमदास पर मंदिर में चोरी को झुठा आरोप लगाया गया, जिससे आहत होकर उसके आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर पांच लोगों के खिलाफ धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।