कोयला खदान बंद होते स्थानांतरण का मंडरा रहा था खतरा, सीएम के निर्देश के बाद मिली राहत… श्रमिक नेताओं ने प्रदेश सरकार का जताया आभार
सूरजपुर। सूरजपुर के एसईसीएल भटगांव के बंद होते ही कोयला खदानों के समस्या के कारण हजारों कामगारों पर स्थानांतरण का खतरा मंडरा रहा था। ऐसे में कोयलांचल के मेगा कोल प्रोजेक्ट जगन्नाथपुर में भूस्वामियों के द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने की पहल से एसईसीएल प्रबंधन और श्रमिक नेताओं ने राहत की सांस ली है।
दरअसल, एसईसीएल भटगांव के आधा दर्जन कोल खदानें बन्द होने से पूरे देश के साथ क्षेत्र में भी कोल संकट बना हुआ है। वही मेगा कोल प्रोजेक्ट जगन्नाथपुर में चंद लोगो के द्वारा खुली खदान की अधिग्रहण की गई भूमि को खाली नहीं किया जा रहा था। जिससे ढाई से तीन हजार कामगारों के स्थानांतरण तय था। ऐसे में बीते दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दौरे के दौरान श्रमिक नेताओं ने बन्द खदानों और जगन्नाथपुर खदान को शुरू करने की मांग किए थे। वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े की पहल से ग्रामीणों से चर्चा कर जगन्नाथपुर खदान को शुरू किया गया। जहां जगन्नाथपुर खुली खदान के शुरू होने से हजारों कामगारों के स्थानांतरण का खतरा टल गया। वही श्रमिक नेताओं ने भी प्रदेश सरकार का आभार जताते नजर आए।