रायपुर। छत्तीसगढ़ महिला आयोग ने सरायपाली के थाना प्रभारी और आबकारी उपनिरीक्षक को महिला की मौत मामले में तलब किया है। दोनों को शुक्रवार 3 बजे आयोग के सामने उपस्थित होने को कहा गया है। बताया जा रहा है कि शराब पकड़ने के लिए गई पुलिस और आबकारी कर्मियों की धक्का-मुक्की से महासमुंद में एक महिला की मौत हो गई। आरोप है कि स्थानीय पुलिस भी इसे छिपाने में लगी रही। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने अब मामले का संज्ञान लिया है।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के अनुसार, उन्हें वॉट्सएप के जरिए शिकायत मिली कि सरायपाली के केन्दुढार, बगईजोर निवासी जुमना बाई की सरायपाली पुलिस और आबकारी कर्मियों की लापरवाही से मौत हो गई। उसके बाद स्थानीय पुलिस इस मामले को दबाने में लग गई। मृतिका के पति कार्तिक राम ने भी आयोग को इसकी शिकायत भेजी है। आयोग ने घर में घुसकर जमुना बाई को धमकाने वाले व्यक्तियों को बचाने में सरायपाली थाना की भूमिका संदिग्ध पाई है। वहीं यह भी पाया है कि आबकारी विभाग के उप निरीक्षक ने भी अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है। आयोग ने इस मामले में महासमुंद के एडिशनल एसपी मेघा टेम्भुलकर और सरायपाली थाना प्रभारी, आबकारी उपनिरीक्षण को तत्काल मोबाइल फोन से सूचना दिया। सरायपाली थाना प्रभारी और आबकारी उप निरीक्षक को शुक्रवार दोपहर 3 बजे आयोग में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।
पीड़ित परिवार के अनुसार 5 जून की शाम करीब 6 से 7 बजे के बीच बगइजोर के कार्तिक राम के घर में पांच पुरुष और एक महिला घुस गए और बोले कि हम लोग सरायपाली थाना के पुलिस वाले हैं। दारू बनाते हो कहकर धमकाते हुए गाली-गलौज करने लगे। घर की तलाशी लिए, लेकिन उन्हें कुछ भी अवैध शराब या नशा का सामान नहीं मिला। जिसके बाद वे पलंग बॉक्स की चाभी मांगने लगे। चाभी मेरे बहन के पास है कहने पर वे तोड़-फोड़ पर उतारू हो गए। जमुना बाई ने तोड़-फोड़ के लिए मना किया तो उन्होंने धक्का-मुक्की की, जिससे वह गिर गई और छटपटाने लगी। जमुना बाई की तबियत खराब होने पर पीड़ित परिवार अस्पताल ले जाने के लिए गुहार लगाता रहा, लेकिन पुलिसकर्मी इसे मजाक समझते रहे। नाटक कर रहे हो कहकर हंसी उड़ाते रहे। काफी देर बाद जब जमुना बाई की तबीयत और अधिक खराब होने लगी तब वे अस्पताल ले गए और वहां से फरार हो गए।