नई दिल्ली। कतर में फांसी की सजा पाने वाले नौसेना के आठ पूर्व अफसरों के लिए एक राहत की खबर सामने आयी है। दरअसल पूर्व अफसरों की याचिका को कतर की कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। कतर की कोर्ट जल्द ही उनकी अपील पर सुनवाई कर सकती है।
आठ पूर्व नेवी अफसरों की मौत की सजा के खिलाफ भारत सरकार ने यह याचिका दायर की है। कतर की अदालत ने 23 नवंबर 2023 को इसे स्वीकार कर लिया और अब अपील का अध्ययन कर जल्द इस पर सुनवाई शुरू करेगी।
यह भी पढ़ें : पूर्व नौसैनिकों को कतर में मौत की सजा सुनाए जाने के मामले में भारत ने दाखिल की अपील
बता दें कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अफसर कतर में देहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज नामक कंपनी के लिए काम कर रहे थे। अगस्त 2022 में इन सभी को गिरफ्तार किया गया। कतर की सरकार ने नौसेना के पूर्व अफसरों पर लगाए गए आरोपों की जानकारी नहीं दी है। बीती 26 अक्तूबर 2023 को कतर की अदालत ने इन पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुना दी।
इन नौसैन्य अधिकारियों को मिली मौत की सजा
नौसेना के जिन पूर्व अफसरों को कतर में फांसी की सजा दी गई है उनमें कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश शामिल हैं। जिस कंपनी देहरा ग्लोबल के लिए ये भारतीय काम करते थे, उसके सीईओ खामिल अल आजमी ओमान एयरफोर्स के अफसर रह चुके हैं। आजमी को भी पहले हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था।