
नई दिल्ली: भारत के 150 साल पुराने क्रिमिनल लॉ के प्रावधान पर बड़ा फैसला हुआ है. पत्नी से रेप के मामले में कोर्ट ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. क्योंकि क्रिमिनल लॉ का यही प्रावधान रेप के आरोपों में पति के लिए कानूनी ढाल बन जाता है।
आपको बता दें, दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को इस बाबत दाखिल की गई विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली। कुछ वक्त पहले केंद्र ने अदालत से अनुरोध किया था कि जब तक सभी पक्षों की राय नहीं मिल जाती, तब तक कार्यवाही स्थगित कर दी जाए। दिल्ली हाई कोर्ट ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने के संबंध में अपना रुख स्पष्ट करने के लिए केंद्र को और समय देने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर की पीठ ने कहा कि चल रही सुनवाई को स्थगित करना संभव नहीं है, क्योंकि केंद्र की परामर्श प्रक्रिया कब पूरी होगी, इस संबंध में कोई निश्चित तारीख नहीं है। READ ALSO: हवाईअड्डे पर ड्रोन से हमला, अलग-अलग देशों के 16 लोग घायल…
पीठ ने कहा, ‘तब, हम इसे बंद कर रहे हैं।’ हाई कोर्ट ने कहा, ‘फैसला सुरक्षित रखा जाता है।’ मामले में निर्देश जारी करने के लिए (इसे) दो मार्च के लिए सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच, विभिन्न पक्षों के वकील अपनी लिखित दलीलें जमा कर सकते हैं।
हालांकि केंद्र सरकार को इस विषय पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए अपनी दलील पेश करनी है, लेकिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार का रुख राज्यों और अन्य हितधारकों से विचार-विमर्श के बाद ही सामने आ सकता है। उन्होंने कहा है कि इस मामले का सामाजिक एवं पारिवारिक जीवन पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा और केंद्र सरकार अपना रुख केवल विचार-विमर्श की प्रक्रिया के बाद ही स्पष्ट कर सकती है। READ ALSO: 10वीं-12वीं के बच्चों के लिए आज जारी किया जाएगा हेल्पलाइन, एक कॉल पर विद्यार्थियों को मिलेगा तुरंत समाधान…