रायपुर। छत्तीसगढ़ में तीन साल में 55 हाथियों की मौत हुई है। इनमें 14 की मौत करंट से हुई है। विधानसभा में अजय चंद्राकर द्वारा पूछे लिखित प्रश्न के जवाब में वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने यह जानकारी दी।
अजय चंद्राकर ने अपने लिखित प्रश्न में पूछा था कि वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में कितने हाथियों की मौत किन-किन कारणों से हुई है? इनमें करंट लगने से मृत्यु होने वाली संख्या कितनी है? वनमंत्री मोहम्मद अकबर ने अपने लिखित जवाब में बताया है कि प्रश्नांकित अवधि में 55 हाथियों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई है। इनमें से 14 हाथियों की मौत करंट से हुई है। 6 हाथियों की मौत शिकारियों द्वारा लगाए गए बिजली करंट से हुई है।
चंद्राकर ने पूछा कि इन वर्षों में हाथी मानव द्वंद्व में कितनी जान माल की हानि हुई है। मंत्री ने बताया कि उक्त अवधि में हाथी मानव द्वंद्व से जान माल की हानि के 58581 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इसमें कुल 53.43 करोड़ रुपए का मुआवजा भुगतान किया गया है। मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार हाथी मानव द्वंद्व की रोकथाम के लिए राज्य योजना हाथी रहवास क्षेत्र का विकास एवं केंद्रीय योजना प्रोजेक्ट एलीफैंट और कैम्पा मद से लेमरू हाथी परियोजना संचालित है।