बलरामपुर में 12 दिनों में 5 पंडो जनजाति के लोगों की मौत, एसडीएम,तहसीलदार,और सीएमएचओ कर रहे जांच…

बलरामपुर। बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर गांव में 12 दिनों में 5 पंडो जनजाति के लोगों की खून की कमी से मौत हो गई, वही सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष उदय पंडो ने सरगुजा आयुक्त को पत्र लिखकर जांच और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
सर्व विशेष पिछड़ी जनजाति समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष उदय पंडो ने सरगुजा आयुक्त को पत्र लिखकर कहा कि बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर ब्लॉक में 12 दिनों के भीतर पंडो विशेष पिछड़ी जनजाति 5 सदस्यों की खून की कमी से मौत हो गई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पंडो विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के विकास के लिए संचालित योजनाओं केवल कागजों में सिमट कर रह गया है। जनजाति के लोगों को खून की कमी, बुखार, टीबी के अलावा प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो रही है। स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाया है कि सरकार द्वारा संचालित 11 सूत्रीय कार्यक्रम में लापरवाही बरती गई है जो स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से संचालित किया जाना था।यह स्थिति पंडों जनजाति के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। 12 दिनों में ग्राम तालकेश्वरपुर निवासी 32 वर्षीय किसमतिया पंडो पति रामदेव पंडो, धौनी निवासी 38 वर्षीय कलापति पंडो पति राजेंद्र पंडो, पीपरपान निवासी 55 वर्षीय फूलकुंवर पंडो पति नंदकेश्वर पंडो, टाटी आगर निवासी 50 वर्षीय रामबसावन पंडो पिता बासदेव पंडो व ओरंगा निवासी 23 वर्षीय सुरेंद्र पंडो पिता रामदेव पंडो की मौत हो गई है।
सीएमएचओ बसंत सिंह ने कहा 15 दिनों के भीतर 2 मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर में , 1 वाड्रफनगर हॉस्पिटल में मौत हुई थी और दो की मौत हो गई है। मौत किन कारणों से हुई हैं जांच कराई जा रही है, जांच के बाद ही स्पष्ठ हो पाएगा।
बलरामपुर कलेक्टर आर एक्का ने कहा कि जिला प्रशासन ने पंडो जनजाति के सदस्यों की मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी है। जांच एसडीएम, तहसीलदार, और सीएमएचओ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मौत संभाग मुख्यालय के अस्पताल में भी हुई है, जिसकी जानकारी प्रशासन ने मांगी है। किसी की लापरवाही मिली तो कार्रवाई होगी।
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