1 जनवरी से महंगा होगा डिजिटल पेमेंट
महानगरों के साथ-साथ अब गांवों में डिजिटल पेमेंट का उपयोग ज्यादा हो रहा है, लेकिन अब लगता है कि डिजिटल पेमेंट महंगा साबित होने जा रहा है। दरअसल सरकार अब यूपीआई पेमेंट पर अलग से चार्ज लगाने पर विचार कर रही है।
Digital Payment। यदि आप भी अपने पर्स में नगदी रखने से बचते हैं और ऑनलाइन ट्रांसजेक्शन ज्यादा करते हैं तो संभल जाएं क्योंकि 1 जनवरी से ऑनलाइन पेमेटं महंगा हो सकता है। मिली जानकारी के मुताबिक नए साल से यूपीआई ट्रांसजेक्शन पर एक्सट्रा चार्ज लगाए जा सकते हैं। गौरतलब है कि देश में नोटबंदी किए जाने के बाद से UPI लेन देन में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। इसके बाद कोरोना संक्रमण फैलने के डर से भी लोगों ने ऑनलाइन पेमेंट को ही ज्यादा तरजीह दी।
महानगरों के साथ-साथ अब गांवों में डिजिटल पेमेंट का उपयोग ज्यादा हो रहा है, लेकिन अब लगता है कि डिजिटल पेमेंट महंगा साबित होने जा रहा है। दरअसल सरकार अब यूपीआई पेमेंट पर अलग से चार्ज लगाने पर विचार कर रही है। इसमें भी अगर कोई थर्ड पार्टी के ऐप्स का इस्तेमाल करके यूपीआई से पेमेंट करता है तो उसको अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा। यदि सीधे यूपीआई एप के जरिए पेमेंट करेंगे तो कोई चार्ज नहीं लगेगा।
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 1 जनवरी से UPI के जरिए पेमेंट के लिए एक्सट्रा चार्ज लगाने का फैसला लिया है। NPCI ने नए साल से थर्ड पार्टी ऐप पर 30 फीसदी का कैप लगा दिया है। एनपीसीआई ने यह फैसला थर्ड पार्टी ऐप की मोनोपॉली रोकने और साइज के हिसाब से उसे मिलने वाले फायदे को रोकने के लिए किया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए फोनपे, गूगलपे, एमेजॉन पे जैसे थर्ड पार्टी ऐप्स से पेमेंट करने पर एक्सट्रा शुल्क देना पड़ेगा। हालांकि पेटीएम जैसे ऐप पर फिलहाल कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लगाया है।
सरकार के मुताबिक देश में हर माह करीब 200 करोड़ UPI लेनदेन किए जा रहे हैं। भविष्य में यूपीआई लेनदेन का ग्राफ और तेजी से बढ़ेगा। यह डिजिटल भारत के लक्ष्य के लिए एक बेहतर कदम है। यूपीआई लेनदेन के मामले में किसी एक थर्ड पार्टी ऐप के एकाधिकार की संभावना हो सकती है, जो उचित नहीं लगती है। सरकार RTGS की सुविधा भी जल्द ही 24 घंटे के लिए उपलब्ध कराने वाली है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा है कि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम को 24 घंटों के लिए उपलब्ध किया जाएगा।