लगभग चार करोड़ के सीएसआर से यह व्यवस्था निश्चित ही प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।
जन-जन तक पहुंचकर जानकारी एकत्रित करना और उस आधार पर बेसिक वार्षिक आय एक परिवार की निर्धारित हो इस दिशा में कार्य करेंगे। इसके साथ ही पंचायत मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने उपस्थित अधिकारियों एवं बैंक के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।

रायपुर। Chhattisgarh News: पंचायती राज व्यवस्था के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया स्वरुप प्रदान करने की दृष्टी से सोमवार को पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के सिविल लाइन्स स्थित निवास स्थान पर आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) और पंचायत विभाग के अधिकारियों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू में प्राप्त सीएसआर की सहायता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नए आयाम प्राप्त होंगे, जो केवल ग्रामीण विकास विभाग ही नहीं अपितु अन्य विभागों पर भी प्रभाव डालेंगे।
लगभग चार करोड़ के सीएसआर से यह व्यवस्था निश्चित ही प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी। इस एमओयू में एनआरएलएम की भी सहभागिता सुनिश्चित की गई है। पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में हर ग्राम पंचायत में एक साल में एक करोड़ रुपये का कार्य और 18 वर्ष की आयु से अधिक के युवाओं को छह माह तक का रोजगार का लक्ष्य लेकर चले पंचायत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक इंटीग्रेटेड योजना के माध्यम से कार्य कर रहे हैं।
इसके साथ ही आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) ने विभाग के लिए अधोसंरचना विकास और आईटी सेक्टर के लिए प्लानिंग बनाई थी, जिसमें एसेट रजिस्टर और इंडिविजुअल के लिए इनकम जनरेशन के दो प्रमुख चरण हैं। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए एक वर्षीय इस प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर की स्थिति में पहुंचे हैं। इस मामले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंघदेव ने कहा कि हर परिवार की न्यूनतम वार्षिक आय के निर्धारण में यह सहभागिता और एमओयू उपयोगी सिद्ध होगा।
पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने शासन के प्रयास को सहृदयता से अपनाने और सहयोग करने के निर्णय पर बैंक प्रबंधन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चार करोड़ रुपये का आर्थिक समर्थन किसी भी पैमाने में छोटा नहीं माना जाता है। उन्होंने आगे कहा कि भौतिक विकास वही है, जिसमें व्यक्ति का विकास समाहित हो। यदि यह सामंजस्य न रहे, तो समाज में आर्थिक असमानता बढ़ने लगती है। समाज की इस आर्थिक असमानता को कैसे कम किया जाए इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमारे पास डाटा/जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए। इस दिशा में बैंक से सहभागिता के बिना हम स्वयं को अधूरा महसूस कर रहे थे।
पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने आगे कहा कि न्यूनतम वार्षिक आय में कलेक्टर दर को पैमाना मानकर हम कार्य कर रहे हैं, एक महीने में व्यक्ति को कितना रोजगार मिलना चाहिए जिससे वह सामान्य जीवन जी सके। समाज के संपत्ति का बंटवारा इस प्रकार होना चाहिए कि जो व्यक्ति सबसे नीचे है, वह भी उस पायदान पर उचित जीवन जीने में सक्षम हो। इस मंजिल की प्राप्ति की दिशा में विभाग शुरुआत में कठिनाई महसूस कर रहा था लेकिन अब इस एमओयू के उपरांत इस संघर्ष को मूर्त रूप मिल गया है।
जन-जन तक पहुंचकर जानकारी एकत्रित करना और उस आधार पर बेसिक वार्षिक आय एक परिवार की निर्धारित हो इस दिशा में कार्य करेंगे। इसके साथ ही पंचायत मंत्री श्री टी एस सिंहदेव ने उपस्थित अधिकारियों एवं बैंक के प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।